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Inside Mawphlang Sacred forest

मॉफलांग सैक्‍रेड फॉरेस्‍ट (Mawphlang): मेघालय का रहस्यमयी जंगल

  • Post author:Suvankar Das
  • Post last modified:मई 30, 2025
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मॉफलांग (Mawphlang), मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में स्थित एक ऐसा पवित्र वन है, जो खासी जनजाति की प्राचीन संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। मेघालय यात्रा के दौरान अधिकतर पर्यटक सिर्फ दो जगहों—शिलॉन्ग (Shillong) और चेरापूंजी (Cherrapunji)—पर ही जाते हैं। इसके चलते Mawphlang Sacred Forest जैसी अनोखी जगहें अक्सर छूट जाती हैं, जबकि ये स्थल मन और आत्मा दोनों को शांति देने वाले हैं।

मॉफलांग – मेघालय का एक ऑफबीट गंतव्य

शिलॉन्ग से सिर्फ 27 किमी और चेरापूंजी से 47 किमी दूर स्थित मफलांग, मेघालय के मुख्य पर्यटन मार्ग से थोड़ा हटकर है। यही कारण है कि अधिकांश टूर ऑपरेटर इसे अपने प्लान में शामिल नहीं करते।

लेकिन अगर आप मेघालय का एक विस्तृत और संपूर्ण टूर प्लान कर रहे हैं — यानी अगर आप सिर्फ पारंपरिक टूरिस्ट स्पॉट्स तक सीमित न रहकर मेघालय की असली, अनछुई प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करना चाहते हैं — तो मफलांग का पवित्र जंगल को ज़रूर अपनी यात्रा सूची में शामिल करें। इस रहस्यमय जंगल में आपको दुर्लभ वनस्पतियाँ, प्राचीन वृक्ष और इतिहास की मौन उपस्थिति देखने को मिलेगी। साथ ही, यहाँ की हरियाली से भरपूर घाटी आपका मन मोह लेगी।

आइए, अब Mawphlang Sacred Forest के बारे में और भी विस्तार से जानते हैं।

Mawphlang Sacred Forest का इतिहास

“Mawphlang” नाम दो खासी शब्दों से मिलकर बना है – “Maw” का अर्थ है पत्थर और “Phlang” का मतलब है घास।
स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार, सदियों पहले खासी जनजाति यहाँ एक बड़े पत्थर के सामने पशुबलि और पूजा करती थी। आज भी यह जगह पवित्र मानी जाती है और संरक्षित है।

मफलांग (Mawphlang) यात्रा अनुभव

आपने शायद पहले कई पहाड़ी स्थलों की यात्रा की होगी, लेकिन मेघालय की हरी-भरी पहाड़ी भूमि की सुंदरता कुछ और ही है — यह शांत, रहस्यमय और आत्मাको सुकून देने वाली। जैसे ही आप शिलांग-चेरापूंजी हाइवे (NH-6) से हटकर शिलांग-मौसिनराम रोड (NH-106) पर आते हैं, प्रकृति का जादू आपकी आँखों के सामने खुलने लगता है।

मफलांग पहुँचते ही पहले घाटी की सुंदरता का आनंद लें…

जैसे ही आप Mawphlang Tourist Point पर पहुँचते हैं, सबसे पहले एक विशाल, खुली हरी घाटी आपका स्वागत करती है। सड़क के पाश बिछी घास के नर्म गलीचे पर बैठ जाइए, सामने बादलों की खेल देखिए और ठंडी हवा को महसूस कीजिए – यह एक जादुई अनुभव है।

इस घाटी के बीचोंबीच एक पक्की सड़क गुजरती है, जिसके दोनों ओर उगे हैं अनजाने पेड़-पौधे और जंगली, रंग-बिरंगे फूलों से सजे छोटे-छोटे झाड़ियाँ। पेड़-पौधों से प्रेम करने वालों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं।

सड़क के दूसरी ओर एक छोटी सी मूर्ति और एक प्राचीन स्टेडियम भी स्थित है – यह स्थान फोटोग्राफी के लिए बेहद खूबसूरत है।

मफलांग सैकरेड फॉरेस्ट में प्रवेश

घाटी की सुंदरता निहारने के बाद चलिए प्रवेश करते हैं Mawphlang Sacred Forest — यानी मफलांग का पवित्र जंगल। प्रवेशद्वार पर आपको तीन सजी हुई पत्थर और एक पत्थर की बेंच दिखाई देगी – जो फोटो खींचने के लिए एक परफेक्ट लोकेशन है।

पवित्र जंगल में गाइड के साथ ही प्रवेश करें…

गाइड क्यों ज़रूरी है?

  • जंगल में रास्ता भटकने का खतरा रहता है।
  • कई बार गाइड के बिना प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती – यही उनकी रोज़ी-रोटी है।
  • गाइड आपको जंगल से जुड़ी कहानियाँ, लोककथाएँ और पौधों की जानकारी देते हैं।
  • वे ग्रुप फोटो लेने में भी आपकी मदद करते हैं।
  • गाइड चार्ज ग्रुप के आकार पर निर्भर करता है – औसतन 5 लोगों के समूह के लिए प्रति व्यक्ति ₹100 का शुल्क होता है।

जंगल के अंदर का अनुभव

जैसे ही आप जंगल के भीतर प्रवेश करते हैं, एक अद्भुत वातावरण आपको घेर लेता है। शुरुआत में यह ज्यादा घना न लगे, लेकिन थोड़ी ही दूर अंदर जाने पर विशाल और प्राचीन वृक्षों का घेरा आपको चारों तरफ से ढँक लेता है।

यह जंगल दुर्लभ वनस्पतियों से भरा हुआ है, इसलिए मफलांग का पवित्र जंगल बॉटनी के छात्रों और रिसर्चर्स के लिए एक आदर्श स्थान है।

मैं खुद उस समय चकित रह गया जब मुझे यहाँ Yew Tree (टैक्सस) का पेड़ दिखाई दिया!
इस पेड़ की छाल से निकाला जाता है Taxol – एक शक्तिशाली कैंसर-रोधी दवा। टैक्सोल का उपयोग ओवेरियन, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, लंग्स, यूटेरस और पैंक्रियास कैंसर के इलाज में किया जाता है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि इस जंगल में इतनी मूल्यवान औषधीय वृक्ष देखने को मिलेगा।

जंगल के भीतर आपको प्राचीन बलि स्थल और पत्थरों की देवताओं की आकृतियाँ भी दिखाई देंगी – यह एक रहस्यमय और रोमांचक अनुभव होता है।

करीब 40-45 मिनट की जंगल ट्रेकिंग के बाद आप लौटते हैं एक अनोखे अनुभव के साथ। यहाँ के गाइड बेहद दोस्ताना स्वभाव के होते हैं और अंग्रेज़ी में अच्छी तरह संवाद करते हैं – वे आपको हर चीज़ विस्तार से समझाते हैं।

विशेष चेतावनी – “कुछ भी न छुएँ या न ले जाएँ”

स्थानिक गाइड इस जंगल से कुछ भी तोड़ने या उठाकर ले जाने से मना करते हैं।

दूसरी तरफ, वैज्ञानिक कारण भी है – यहाँ कई अज्ञात वनस्पतियाँ हैं, जिनमें से कुछ विषैली हो सकती हैं और कुछ औषधीय। इसलिए, प्रकृति को देखें, महसूस करें – लेकिन हाथ न लगाएँ।

एक तरफ यह स्थानीय आस्था है – माना जाता है कि कुछ उठाने से दुर्भाग्य आता है।

मफलांग में भोजन

जंगल के बाहर कुछ छोटी दुकानें हैं जहाँ टिफिन या सिंपल लंच मिलता है जैसे:

  • भात और चिकन/अंडा
  • नूडल्स
  • स्नैक्स (चिप्स, मूंगफली आदि)

खास स्वाद की उम्मीद न करें, क्योंकि खासी खानपान सरल और कम मसाले वाला होता है। बेहतर होगा कि आप खुद का खाना साथ लाएँ।

Mawphlang तक कैसे पहुँचें?

आप NH-6 (शिलॉन्ग-चेरापूंजी हाइवे) से शिलॉन्ग-मावसिनराम रोड (NH-106) की ओर मुड़कर लगभग 11 किमी अंदर जाकर Mawphlang पहुँच सकते हैं। रास्ते भर हरियाली और बादलों का खेल आपके साथ चलता है।

शिलॉन्ग से दूरी – 27 किमी, समय – लगभग 1 घंटा

निकटतम एयरपोर्ट:

  • उमरोई एयरपोर्ट (शिलॉन्ग)
  • गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

Mawphlang यात्रा का सही समय

बेस्ट टाइम टू विजिट:
सितंबर के अंत से मई तक।
खासकर: नवंबर से अप्रैल।
मानसून (जून-सितंबर) में बहुत बारिश होती है, जिससे यात्रा बाधित हो सकती है। इसके बावजूद, कई सैलानी मानसून में मेघालय की हरी-भरी वादियाँ देखने के लिए यहाँ की यात्रा करते हैं।

कहाँ रुकें?

सबसे अच्छा विकल्प, शिलॉन्ग में रुकना। वहाँ से मफलांग जाना आसान है।
होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे की सुविधा आसानी से मिलती है।
या आप चेरापूंजी में रुक सकते हैं और शिलॉन्ग वापसी के रास्ते में मफलांग घूम सकते हैं।

अंतिम विचार

मफलांग का पवित्र जंगल, मेघालय की भीड़-भाड़ से दूर एक शांत और रहस्यमयी गंतव्य है। यह एक “कमर्शियल टूरिस्ट स्पॉट” नहीं है, इसलिए यहाँ प्रकृति से गहरा जुड़ाव महसूस होता है।

अगर आप शिलॉन्ग और चेरापूंजी घूमने जा रहे हैं, तो इस शानदार पवित्र जंगल को अपनी यात्रा में ज़रूर शामिल करें।

👉 लेख की मूल लिंक यहाँ पढ़ें

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