रविवार तड़के Kedarnath Dham से Guptkashi लौटते समय Aryan Aviation का एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में पायलट समेत कुल सात लोगों की मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना (Kedarnath Helicopter Crash) सुबह 5:20 बजे, गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच घने जंगलों में हुई।
महज तीन दिन पहले ही अहमदाबाद में Boeing 787 Dreamliner विमान की दुखद दुर्घटना हुई थी, जिसकी यादें अभी भी ताजा हैं और जांच-पड़ताल जारी है। ऐसे में यह Kedarnath Helicopter Crash भारत की विमानन सेवा की सुरक्षा पर फिर से बड़ा सवाल खड़ा करता है।
Kedarnath Helicopter Crash कैसे हुआ?
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के बयान के अनुसार, हेलिकॉप्टर Kedarnath से Guptkashi लौट रहा था, जब वह अचानक खराब मौसम की चपेट में आ गया। पायलट ने हेलिकॉप्टर को घाटी से बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाया और विमान क्रैश हो गया।
जिला पर्यटन अधिकारी और रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया, “हेलिकॉप्टर में सात लोग सवार थे – एक पायलट, पांच तीर्थयात्री और एक शिशु।” यात्रियों का संबंध उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से था।
Uttarakhand helicopter crash | Today, at around 5:20 am, a helicopter, which was going from Shri Kedarnath Dham to Guptkashi, has been reported to have crashed near Gaurikund. There were six passengers, including the pilot (5 adults and 1 child). The passengers in the helicopter… pic.twitter.com/AVGtuxWKGj
— ANI (@ANI) June 15, 2025
प्रत्यक्षदर्शी और रेस्क्यू ऑपरेशन
गौरीकुंड क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोग सुबह चारा लेने निकले थे, तभी उन्होंने हेलिकॉप्टर का मलबा देखा और प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद NDRF और SDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं।
उत्तराखंड पुलिस के ADG (लॉ एंड ऑर्डर) डॉ. वी. मुरूगेशन ने बताया, “गौरीकुंड में जो हेलिकॉप्टर सुबह से लापता था, वही दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।” राहत-बचाव कार्य में आपात सेवाएं, स्थानीय निवासी और प्रशासन के कई यूनिट सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।
लगातार हेलिकॉप्टर हादसे से बढ़ी चिंता
चार धाम यात्रा के इस सीजन की शुरुआत के बाद से बीते 40 दिनों में यह पांचवीं हेलिकॉप्टर दुर्घटना है। इससे पहले 7 जून को एक अन्य हेलिकॉप्टर हादसा हुआ था, जिसमें पांच यात्री सवार थे। तकनीकी खराबी के कारण हेलिकॉप्टर को बारासू के पास Guptkashi–Gaurikund हाइवे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। वह बिल्डिंग्स से टकराने से बाल-बाल बचा, लेकिन एक पार्क की गई गाड़ी को नुकसान पहुंचा। सभी यात्री सुरक्षित रहे, पायलट को हल्की चोट आई।
इन बार-बार हो रही घटनाओं से यह साफ है कि पर्वतीय तीर्थ स्थलों पर हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं। हजारों तीर्थयात्री जो कठिन पहाड़ी रास्तों से नहीं चल सकते, वे हेलिकॉप्टर सेवा पर निर्भर रहते हैं। लेकिन अब लगातार हो रही दुर्घटनाएं रक्षण, मौसम के अनुसार तैयारी, और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठा रही हैं।

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद भी कोई सबक नहीं?
सबसे चिंता की बात यह है कि केवल तीन दिन पहले ही अहमदाबाद में Boeing 787 Dreamliner की भीषण दुर्घटना हुई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई स्पष्ट या सख्त सुरक्षा कदम उठाया नहीं गया। यह जाहिर करता है कि सरकार और संबंधित विभागों की नजरदारी और गंभीरता कितनी कम है। यह सवाल अब उठना लाजमी है – क्या भारत की विमानन सेवा वाकई में सुरक्षित है? क्या इन सेवाओं में पर्याप्त प्रशिक्षित कर्मी मौजूद हैं?
भारत की विमान सेवा पर संकट का साया?
लगातार हो रही विमान और हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं अब एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई हैं। तकनीकी खामियां और मौसम से जुड़ी तैयारियों की कमी ने आम लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है – आखिर भारत की हवाई यात्राएं कितनी भरोसेमंद हैं?
Kedarnath Helicopter Crash ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया कि यात्रियों की सेवा केवल मांग पूरी करने या व्यावसायिक दृष्टिकोण का विषय नहीं है, बल्कि सबसे अहम है यात्रियों की सुरक्षा। इसके लिए चाहिए बेहतर रखरखाव, पर्याप्त कुशल कर्मचारी, उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रणाली, और कठोर सुरक्षा प्रोटोकॉल।
अब वक्त आ गया है कि प्रशासन और संबंधित विभाग इस मुद्दे को गंभीरता से लें और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
स्रोत/संदर्भ: NDTV