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भारत में बढ़ते अपराध और आतंकवाद की धमकियों के बीच अमेरिका ने जारी की लेवल-2 यात्रा चेतावनी

  • Post author:admin
  • Post last modified:जुलाई 9, 2025
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हाल ही में, 16 जून 2025 को अमेरिका ने एक बार फिर भारत के लिए लेवल-2 ट्रैवल एडवाइजरी लागू की है, जिसमें अमेरिकी नागरिकों को भारत की यात्रा के दौरान विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। अमेरिका के विदेश विभाग द्वारा जारी इस एडवाइजरी में पूरे भारत में मौजूद विभिन्न प्रकार के खतरों को उजागर किया गया है—जिसमें हिंसक अपराधों से लेकर आतंकवादी हमलों तक की बात शामिल है। इस एडवाइजरी में भारत के कुछ विशेष क्षेत्रों का उल्लेख है, जहां अमेरिकी नागरिकों को यात्रा करने से पूरी तरह या आंशिक रूप से मना किया गया है, और कुछ क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।

क्या है अमेरिका की लेवल-2 यात्रा चेतावनी?
अमेरिका सरकार यात्रा सुरक्षा को लेकर चार-स्तरीय एडवाइजरी जारी करती है:
• लेवल 1 (नीला): सामान्य सतर्कता बरतें
• लेवल 2 (पीला): अतिरिक्त सावधानी बरतें
• लेवल 3 (नारंगी): यात्रा पर पुनर्विचार करें
• लेवल 4 (लाल): यात्रा न करें

यह एडवाइजरी अपराध, आतंकवाद, राजनीतिक अस्थिरता, स्वास्थ्य संकट, प्राकृतिक आपदाओं आदि के आधार पर तय की जाती है। लेवल-2 का अर्थ है कि कुछ क्षेत्रों में जोखिम अधिक है, और यात्रियों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।
हालाँकि भारत लंबे समय से लेवल-2 श्रेणी में बना हुआ है, लेकिन ताजा अपडेट में हिंसक अपराधों और यौन उत्पीड़न की घटनाओं पर विशेष ज़ोर दिया गया है। साथ ही आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को भी दोबारा उजागर किया गया है।

भारत को लेवल-2 श्रेणी में क्यों रखा गया है?
भारत के लिए लेवल-2 ट्रैवल एडवाइजरी कोई नई बात नहीं है, लेकिन इसके पीछे के कारण समय के साथ बदलते रहे हैं।
अल्बानी यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान के सहायक प्रोफेसर क्रिस्टोफर क्लैरी के अनुसार, पहले ये एडवाइजरी मुख्यतः आतंकवाद और उग्रवाद पर केंद्रित थी। लेकिन हालिया अपडेट में महिलाओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा पर अधिक ध्यान दिया गया है।

एडवाइजरी में स्पष्ट रूप से कहा गया है:
“भारत में बलात्कार सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक है। हिंसक अपराध और यौन उत्पीड़न की घटनाएं पर्यटन स्थलों और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर होती रहती हैं।”

साथ ही आतंकवादी हमलों को लेकर चेतावनी दी गई है कि वे बिना किसी पूर्व सूचना के कभी भी हो सकते हैं, खासकर इन स्थानों पर:
• पर्यटन स्थल
• परिवहन हब
• सरकारी कार्यालय
• बाजार और शॉपिंग मॉल

उच्च जोखिम वाले क्षेत्र

जम्मू और कश्मीर:
सबसे गंभीर चेतावनी जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को लेकर दी गई है। हालांकि पूर्वी लद्दाख और उसकी राजधानी लेह को इससे बाहर रखा गया है। कश्मीर में लगातार आतंकी खतरे और नागरिक अशांति के कारण इसे हाई अलर्ट जोन घोषित किया गया है।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरान घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी—जो पिछले 30 वर्षों में सबसे घातक हमला था।

भारत-पाकिस्तान सीमा:
भारत-पाकिस्तान सीमा को भी अत्यधिक जोखिम वाला क्षेत्र माना गया है। भारी सैन्य मौजूदगी और तनाव में तेजी से वृद्धि की संभावना के कारण यह विदेशी पर्यटकों के लिए असुरक्षित है।
नॉन-सिटीजन्स के लिए केवल पंजाब स्थित अटारी-वाघा सीमा से ही अधिकृत आवागमन की अनुमति है, और इसके लिए भारत से पहले से पाकिस्तान का वीजा अनिवार्य है।

मणिपुर:
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर को पूरी तरह से यात्रा वर्जित क्षेत्र घोषित किया गया है।
मई 2023 से शुरू हुए मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, और हजारों घर एवं धार्मिक स्थल नष्ट हो चुके हैं। अभी भी वहां हिंसा की घटनाएं जारी हैं।

वो राज्य जहां अमेरिकी अधिकारियों को विशेष अनुमति की आवश्यकता है
पूर्वी महाराष्ट्र, उत्तरी तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अमेरिकी अधिकारियों को बिना अनुमति प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। इन क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियाँ जारी हैं जो विदेशियों के लिए खतरा बन सकती हैं।
इसके अलावा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मेघालय जैसे राज्यों में भी बिना पूर्व स्वीकृति के अमेरिकी अधिकारियों का दौरा प्रतिबंधित है।

पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्य भी निगरानी में
अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड, असम, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। हालांकि राजधानी शहरों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में जाने के लिए अमेरिकी नागरिकों को सावधानी से यात्रा करनी चाहिए।
भले ही हाल के वर्षों में बड़े आतंकी हमले नहीं हुए हों, लेकिन अतीत की घटनाएं—जैसे बम धमाके, परिवहन और बाज़ारों पर हमले—इन क्षेत्रों को अस्थिर बनाती हैं।

सीमा और कानूनी सतर्कताएं
भारत-नेपाल सीमा से भूमि मार्ग से यात्रा को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है। ई-वीजा को भूमि सीमाओं पर स्वीकार नहीं किया जाता, और कई अमेरिकी नागरिकों को वैध वीजा के बावजूद हिरासत, जुर्माना और लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ा है।

एडवाइजरी में यह भी उल्लेख किया गया है कि सैटेलाइट फोन और GPS डिवाइस भारत में प्रतिबंधित हैं। इन्हें लाने पर $200,000 तक का जुर्माना या 3 साल तक की जेल हो सकती है।

एकल महिला यात्रियों के लिए विशेष चेतावनी
इस एडवाइजरी में एक प्रमुख संदेश यह है कि महिला पर्यटक विशेष रूप से अकेले यात्रा करने से बचें, खासकर रात में।
भारत एक सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश है, लेकिन पर्यटन स्थलों पर उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाएं चिंता का विषय हैं।

मंत्रणा दी गई है कि पर्यटक:
• अच्छे रिव्यू वाले होटलों में रुकें
• सुनसान जगहों से बचें
• अपने परिवार और दोस्तों को यात्रा की जानकारी देते रहें

ग्रामीण या हाई-रिस्क क्षेत्रों में अमेरिकी सहायता सीमित है, इसलिए वहाँ आपात स्थिति में मदद मिलना कठिन हो सकता है।

भारत के कौन से क्षेत्र सुरक्षित माने जा रहे हैं?
हालांकि कई क्षेत्रों के लिए चेतावनी दी गई है, लेकिन दक्षिण और पश्चिम भारत अब भी विदेशी पर्यटकों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।

पश्चिम भारत में राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र को सुरक्षित माना गया है। जयपुर, उदयपुर, अहमदाबाद और मुंबई जैसे शहरों में लाखों विदेशी पर्यटक हर साल बिना किसी परेशानी के आते हैं।

दक्षिण भारत में बेंगलुरु (कर्नाटक) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध IT हब है, और उसके आसपास कूर्ग व चिकमगलूर जैसे हिल स्टेशन हैं। नीलगिरी पहाड़ी क्षेत्र के उटी, कून्नूर और कोडाइकनाल प्राकृतिक सौंदर्य और सुरक्षा दोनों में बेहतरीन हैं।

केरल—”गॉड्स ओन कंट्री”—की लोकप्रिय जगहें जैसे मुन्नार, वायनाड, थेक्कडी, कोवलम, अलेप्पी और पूवार आइलैंड सुरक्षित और पर्यटकों के बीच प्रिय हैं।

गोवा और पांडिचेरी: गोवा के अरामबोल, मोरजिम, पालोलेम, अगोंडा और कलंगुट तथा पांडिचेरी का ऑरोविले विदेशियों की पसंदीदा जगहों में हैं।

अंडमान द्वीप समूह, विशेषकर हैवलॉक और नील द्वीप भी काफी लोकप्रिय और सुरक्षित हैं।

उत्तर भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के साथ-साथ दार्जिलिंग, कालिम्पोंग और कर्सियांग जैसे क्षेत्र भी सुरक्षित माने जा रहे हैं।

निष्कर्ष:
भारत के लिए जारी लेवल-2 यात्रा एडवाइजरी एक मिश्रित वास्तविकता को दर्शाता है। जहां कुछ क्षेत्रों में वाकई आतंकवाद, हिंसा और अस्थिरता का खतरा है, वहीं देश के बड़े हिस्से अब भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए सुरक्षित हैं—विशेषकर जो लोग सतर्क और जागरूक होकर यात्रा करते हैं।
भारत विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा देश है—यहां बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, समुद्र तट, जंगल, मरुस्थल और प्राचीन संस्कृति एक साथ मिलती हैं। सतर्कता बरतते हुए यहां की यात्रा निश्चय ही जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव बन सकती है।

भारत में बढ़ते अपराध और आतंकवाद की धमकियों के बीच अमेरिका ने जारी की लेवल-2 यात्रा चेतावनी
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